जब-जब होई धर्म की हानि।
बाढहि असुर अधम अभिमानी।।
तब-तब धरि प्रभु मनुज शरीरा।
हरहि कृपा सिंधु निज सज्जन पीरा।।
अर्थात जब जब इस धरती पर धर्म की हानि होगी, असुरों और अधर्मियों का अन्याय धरती पर बढ़ जाएगा. तब तब प...
2023-09-07T03:48:11 read more
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